Apple कम्पनी कैसे लूटती है हम लोगो को ? How does Apple company rob us?

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By Ramashankar

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आईफोन 15 लास्ट ईयर के कंपेयर में 12% तक महंगा हो सकता है एप्पल अपने हाई प्राइस और हाई प्रॉफिट मार्जिन के चलते हमेशा से ही बदनाम रहा है अगर हम सेक्टर की बाकी कंपनी पर नजर डालें तो इनका प्रॉफिट मार्जिन 2 से 5% के बीच होता है वही एप्पल का नेट प्रॉफिट मार्जिन 25% तक है

Apple कम्पनी कैसे लूटती है हम लोगो को ? How does Apple company rob us?

APPLE I PHONE

एप्पल आईफोन लगातार अपने प्रोडक्ट के प्राइस इंक्रीज कर रहा है साथी यह तरह-तरह के हाई मार्जिन सर्विसेज पर इंट्रोड्यूस कर रहा है अपने गौर किया होगा कि जब आप किसी भी एप्पल के प्रोडक्ट में कोई नॉन एप्पल डिवाइस को कनेक्ट करना चाहते हैं तो अक्सर उसके कनेक्टिविटी में प्रॉब्लम होती है
क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्यों है तो आपको एप्पल का ही पेमेंट मेथड उसे करना होता है वहीं कई लोगों को लगता है कि एप्पल का यह वाला फीचर आपकी प्राइवेसी को बचाने के लिए बनाया गया है लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है
अब सवाल यह है कि एप्पल के प्रोडक्ट्स में इतने सारे इस होने के बावजूद और यह इतने एक्सपेंसिव होने के बावजूदलोग इसके प्रोडक्ट को खरीदने से खुद को रोक क्यों नहीं पाते और कहीं यही पर रीज़न तो नहीं इसका फायदा उठाकर एप्पल इतना हाई प्रॉफिट मार्जिन जनरेट कर रहा है लिए
डिटेल में जानने की कोशिश करते हैं दोस्तों हम एप्पल के बिजनेस स्ट्रेटजी को पॉजिटिव और नेगेटिव दो तरह से देख सकते हैं जिसमें सबसे पहले हम पॉजिटिव स्ट्रेटजी पर बात करेंगे एप्पल आज दुनिया की थर्ड लार्जेस्ट एक कंपनी है जिसका सबसे फेमस प्रोडक्ट है आईफोन इस साल के पहले क्वार्टर में ऐपल ने 94.8 बिलियन डॉलर का टोटल रेवेन्यू जेनरेट किया था
जिसमें 51 बिलीयन डॉलर मतलब अराउंड 54% पार्ट सिर्फ आईफोन की सेल से था
इसी तरह एप्पल के फिजिकल प्रोडक्ट्स जैसे कि एप्पल वॉच और मैकबुक का रेवेन्यू भी आईफोन से ही कनेक्ट है क्योंकि ज्यादातर केसेस में वही लोग खरीदते हैं जो पहले से एक आईफोन यूजर है इसका मतलब है कि एप्पल की 90% डिपेंडेंसी उसके हीरो प्रोडक्ट आईफोन पर है
आज आईफोन खरीदने वालों में मैक्सिमम लोग ऐसे एंड्रॉयड यूजर्स है जो आईफोन पर शिफ्ट हो रहे हैं अगर हम 2016 की बात करें तो उस के अंदर प्पल का मार्केटशेर केवल 33% था लेकिन 2020 के एंड तक की परसेंटेज ऑलमोस्ट डबल होकर 65% हो गया और यह ट्रेन केवल उस नहीं बल्कि चीन और इंडिया में भी देखने को मिला है यह रीजन है कि पिछले कुछ सालों में इंडिया के अंदर आईफोन यूजर्स की संख्या बहुत ही तेजी से बड़ी है
अब 2015 के दौरान जब आईफोन की सेल्स अपने पिक पर थे तो उसके बाद एप्पल ले इसकी प्राइस एक्सपेरिमेंट करना शुरू कर दिया और इसकी प्राइस को 650 $ से बढ़कर सीधा 750 $कर दिया उसके बाद $800 और आखिर में यह $1100 के प्राइस को टच कर चुका है
जो प्रो वर्जन का स्टार्टिंग प्राइस है अब यहां तक यह तो समझ आ गया कि आज एप्पल की मैक्सिमम सेल ऐसे लोगों से हो रही है जो एंड्रॉयड से आईफोन पर शिफ्ट हो रहे हैं लेकिन बात करें सॉफ्टवेयर की तो इसमें भी इन्होंने दूसरी कंपनी को पीछे किया हुआ है हम सबके मन में एप्पल को लेकर एक प्रीमियम वाली इमेज बनी हुई है क्योंकि इनकी स्मार्टफोन मार्केट में बाकी के स्मार्टफोन से काफी महंगे हैं लेकिन सॉफ्टवेयर के केस में चीज बिल्कुल उल्टी है और शायद यही रीजनहै कि एप्पल दूसरी कंपनी को मार दिया हुआ है
फॉर एग्जांपल आईक्लाउड और गूगल क्लाउड को ले लेते हैं यह दोनों ही बहुत ही कॉम्पिटेटिव प्राइसिंग के साथ आती है क्योंकि आईक्लाउड 50gb का $1 200gb का $3 और 2tb का $10 मंथली चार्ज करता है जो गूगल क्लाउड से काफी शिमला है क्योंकि यह भी $2 का 100gb 3 डॉलर का 200gb और $10 और 2tb स्टोरेज चार्ज करता है

APPLE IPHONE 15......https://news49.in/apple-iphone-15-black-128-gb-new-model-flipkart-amazon-price-and-full-specifications-jhansi-uttar-pradesh-up-%e0%a4%9d%e0%a4%be%e0%a4%81%e0%a4%b8%e0%a5%80/Apple iPhone 15 (Black, 128 GB) new model Flipkart, Amazon Price And Full Specifications Jhansi Uttar Pradesh ( UP झाँसी )

वही एप्पल म्यूजिक की बात करें तो यह स्पॉटिफाई से कंप्लीट कर रहा है क्योंकि इंडिया में स्टूडेंट प्लान पर स्पॉटिफाई ₹59 पर मंथ चार्ज करता है वही एप्पल म्यूजिक का प्राइस भी ₹59 दिए इंडिविजुअल प्लांस में स्पॉटिफाई का प्राइस 119 रुपए पर मंथ है तो वही एप्पल म्यूजिक का ₹99 पर मंथ वहीं अगर हम फैमिली प्लान की बात करें तो स्पॉटिफाई 179 रुपए मंथली चार्ज करता है जबकि एप्पल म्यूजिक सिर्फ 149 रुपए इससे साफ है कि एप्पल बड़ी-बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी जो अपने फील्ड मेंफोन कर रही थी उनसे भी डायरेक्ट कंप्लीट कर रहा है

अब लोग पहले से ही एप्पल की सर्विस को प्रीमियम और सुपीरियर मानते आए हैं और एप्पल की इस यूनिक स्ट्रेटजी से कंपनी को और भी ज्यादा फायदा हो गया और यही रीजन है कि एप्पल के पास आज करीब 900 मिलीयन सब्सक्राइबर्स है सिर्फ एप्पल म्यूजिक की सब्सक्रिप्शन 88 मिलियन लोगों ने ले रखा है वही एप्पल टीवी से भी 75 मिलीयन सब्सक्राइबर्स जुड़े हुए हैं

एप्पल ने सर्च इंजन के लिए गूगल को ही क्यों चुना या अदर सर्च इंजन क्यों नहीं क्योंकि यह सबसे डोमिनेंट सर्च इंजन है इनमें से आपका जवाब जो भी है पर सच्चाई यह है कि गूगल इस काम के लिए एप्पल को मोटी रकम पे करता है क्या आप गैस कर सकते हैं यह अमाउंट कितना होगा 2014 में यह एक बिलियन डॉलर था और फिलहाल की बात करें तो यह 20 बिलियन डॉलर पर ईयर है और यह अमाउंट एप्पल की टोटल प्रॉफिट का 20% पार्ट है जो अपने आप पर एक बहुत ही बड़ा नंबर है बात करें एप्पल के दूसरे डार्क साइड की तोवह एप्पल स्टोर सर्विस चार्ज दोस्तों एप्पल का रूल है कि अगर कोई भी एप्लीकेशन खुद को एप स्टोर पर रजिस्टर करता है तो उसे अप के अंदर होने वाले हर ट्रांजैक्शन पर उसे एप्पल को 15 से 30% पे करना होगा और एग्जांपल मान लो कि आप अपने आईफोन में नेटफ्लिक्स का 499 वाला प्लान लिया तो ऐसे में नेटफ्लिक्स को इस 499 का 15 से 30% पार्ट एप्पल को देना होगा इस तरह के बहुत सारे ऐप स्टोर पर रजिस्टर्ड है जिससे एप्पल की करीब 70 से 85 बिल्लियों की कमाई होती है
और यह एप्पल के लिए उसके हार्डवेयर बेचने से भी ज्यादा प्रॉफिटेबल है इस कमीशन के परसेंटेज को एप्पल डिफरेंट कैटिगरीज में डिवाइड किया हुआ है और उसी के अकॉर्डिंग तय होता है कि किस कंपनी को कितना पर्सेंट पे करना है फिलहाल एप्पल के एप स्टोर पर लगभग 2 मिलियन से ज्यादा अप रजिस्टर्ड है
और इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां से इसकी कितनी कमाई हो रही होगी इससे तंग आकर कई कंपनी ने इस ऐप स्टोर पॉलिसी के खिलाफ केस भी फाइल किया है जिसमें गेमिंग कंपनी एपिक गेम में 2020 में यूनाइटेड स्टेट के अंदर एंटी ट्रस्ट लॉस आफ फाइन किया थाजिसमें बोला गया था कि एप्पल मोनोपोलिस्टिक प्रेक्टिस को फॉलो करके अपने एप स्टोर के अंदर इन्हें पेमेंट सिस्टम को फोर्स कर रहा है दरअसल बात यह था कि एपिक गेम्स का एक बहुत ही पॉपुलर गेम फोर्टनाइट एप स्टोर पर रजिस्टर्ड था इस गेम में मौजूद कैरेक्टर के लिए जब कोई भी गेम खरीदना था तो जितना भी प्राइस वह पे करता था उसका 30% एप्पल ले लेती थी इसको देखते हुए एपिक गेम्स ने यूजर से कहा कि आप स्किन को ऐप से ना खरीद कर फोर्टनाइट की वेबसाइट से खरीदे जिस कंपनी 30% कमीशन देने से बच गई इससे नाराज एप्पल ने फोर्टनाइट को अपने एप स्टोर से ही रिमूव कर दिया जिसके चलते गेम के पास अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाना के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा इससे एक साल पहले यानी 2019 में म्यूजिक स्ट्रीमिंग कंपनी स्पॉटिफाई ने भी एप्पल पर यूरोपीय कमीशन में एंटी ट्रस्ट कंप्लेंट फाइल की थी और अब इस केस को फाइल हुए 4 साल बीत गए हैं लेकिन यूरोपीय कमीशन की इन्वेस्टीगेशन अभी भी चालू है बात करें नेक्स्ट पॉइंट की तो वह है प्राइवेसी गेम आपने देखा होगा कि एप्पल खुद को प्राइवेसी आपने देखा होगा कि एप्पल खुद को प्राइवेसी प्रोटेक्टर के रूप में खूब ज्यादा एडवर्टाइज करता है और इसी के चलते उसने 18 दिसंबर2020 में अप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी यानी अट नाम का फीचर आईफोन में इंट्रोड्यूस किया जिसका काम किया था कि जब भी आप अपने स्मार्टफोन से कोई भी ऐप को ओपन करेंगे तो वह आपसे परमिशन लगा कि आप इस ऐप के जरिए अपना डाटा ट्रैक करने का परमिशन देना चाहेंगे या नहीं और प्राइवेसी तो हर किसी को प्यारी है इसी के चलते 63% से भी ज्यादा अमीर से प्राइवेसी एक्सेस को डिनाइड कर दिया जिसे सबसे बड़ा लॉस फेसबुक को हुआ और सिर्फ एक साल के अंदर उसे 600 बिलीयन डॉलर से भी ज्यादा का

APPLE ……..https://www.apple.com/in/

Apple iPhone 14 Pro Max

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5 thoughts on “Apple कम्पनी कैसे लूटती है हम लोगो को ? How does Apple company rob us?”

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