एन. बीरेन सिंह
17 नवंबर : मणिपुर में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर एक गंभीर हमला हुआ, जिससे राज्य में हड़कंप मच गया। हमले के पीछे किसी बड़ी साजिश की संभावना जताई जा रही है। क्या यह सिर्फ एक कायराना हमला था या इसके पीछे कोई राजनीतिक ताकत काम कर रही थी?
मुख्यमंत्री के घर पर हमला: गुस्साई भीड़
शनिवार को इंफाल में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर सैकड़ों लोग जुट गए और तोड़फोड़ की कोशिश की। सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और लाठीचार्ज से स्थिति को काबू किया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह उस समय अपने कार्यालय में थे और सुरक्षित हैं, लेकिन यह घटना मणिपुर की बढ़ती अशांति को दर्शाती है।
साजिश का खुलासा: क्या राजनीतिक खेल है?
सूत्रों का कहना है कि यह हमला अचानक नहीं हुआ, बल्कि कुकी और मैतेई समुदायों के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस हमले के पीछे कुछ शक्तियां हैं, जो मुख्यमंत्री के प्रयासों को कमजोर करना चाहती हैं।
कर्फ्यू, इंटरनेट बंदी और हिंसा का उबाल
सीएम के घर पर हमले के बाद मणिपुर सरकार ने कर्फ्यू लागू किया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। इसके बावजूद, हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। अब यह सवाल उठ रहा है कि राज्य की जनता कब तक इस डर और हिंसा में जीने को मजबूर होगी।
राहुल गांधी की चिंता: क्या केंद्र सरकार जिम्मेदार है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर की स्थिति पर ध्यान देने की अपील की है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मणिपुर में हो रही हिंसा पर चुप है और राज्य की स्थिति गंभीर होती जा रही है।
क्या मणिपुर में शांति की कोई उम्मीद बची है?
मणिपुर में हो रही हिंसा ने राज्य और केंद्र सरकार को गंभीर चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की शांति बहाल करने की कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं। अब सवाल यह है कि क्या मणिपुर में शांति लौट पाएगी, या हिंसा और बढ़ेगी?
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