दशहरा, जिसे गाँवों में Vijayadashami के नाम से जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा symbol है। हमारे गाँव में इस दिन की बड़ी धूमधाम होती है। Ravana, कुंभकर्ण, और मेघनाद के बड़े-बड़े effigies जलाए जाते हैं, और लोग भगवान राम की जीत का celebration करते हैं। इस साल 2024 में दशहरा 13 अक्टूबर को पड़ेगा, और गाँव में इस दिन की तैयारियाँ अभी से शुरू हो जाती हैं।
गाँव में दशहरा
गाँव के बड़े-बुजुर्ग हमेशा से बताते आए हैं कि ये त्योहार भगवान राम की रावण पर victory की कहानी को जीवंत करता है। रामायण की कहानी में, रावण, जो लंका का राजा था, उसने माता सीता का abduction किया था, और भगवान राम ने उसे हराकर धर्म की जीत हासिल की थी। पर ये सिर्फ कहानी नहीं है, गाँवों में ये दिन हमें याद दिलाता है कि चाहे कितनी भी बुराई क्यों न हो, अंत में truth और righteousness की ही जीत होती है।
गाँव की परंपराएँ
गाँव का दशहरा बहुत खास होता है, यहाँ की हर परंपरा में एक अलग ही मिठास और अपनापन झलकता है। दशहरे के समय गाँवों में festival का माहौल रहता है। घर-घर में delicacies बनाए जाते हैं और सब एक-दूसरे को invitation देते हैं।
- Ramleela का आयोजन: गाँव की रामलीला तो सबसे खास होती है। छोटे-छोटे बच्चे भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान का रूप धरते हैं, और गाँव के बड़े लोग रावण, कुंभकर्ण का किरदार निभाते हैं। गाँव के चौपाल या किसी मैदान में रामलीला होती है, जहाँ दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। ये सिर्फ नाटक नहीं, बल्कि हमारी culture को जीवंत रखने का तरीका है।
- Ravana Dahan: शाम के समय गाँव के square या मैदान में बड़े-बड़े effigies जलाए जाते हैं। रावण, कुंभकर्ण, और मेघनाद के पुतले जलते ही firecrackers की आवाज़ और ढोल-नगाड़ों की धुन से पूरा गाँव गूंज उठता है। लोग हँसते-खिलखिलाते हुए इस बुराई के अंत का celebration करते हैं।
- Mela और rides: गाँव में दशहरे के दिन fair भी लगता है। मेले में बच्चों के लिए झूले, मिठाइयाँ, और तरह-तरह के toys होते हैं। बच्चे balloons, whistles, और लकड़ी के खिलौने लेकर खूब मस्ती करते हैं। मेले की मिठाइयाँ जैसे जलेबी, गुलाब जामुन, और खुरमा लोगों के दिल को खास तौर पर भाती हैं।
गाँव के दशहरे का संदेश
गाँव का दशहरा हमें सिखाता है कि चाहे हमारे जीवन में कितनी ही मुश्किलें क्यों न आएँ, अगर हम truth और righteousness के रास्ते पर चलेंगे, तो अंत में जीत हमारी ही होगी। रावण दहन का मतलब सिर्फ बाहरी बुराई को जलाना नहीं है, बल्कि अपने अंदर की बुराइयों जैसे ईर्ष्या, क्रोध, और लालच को भी खत्म करना है। गाँव के लोग दशहरे को सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि जीवन की learning मानते हैं।
2024 में गाँव का दशहरा कैसे मनाएँ?
- घर की cleaning: दशहरे से पहले गाँव में हर कोई अपने घर की साफ-सफाई करता है। माना जाता है कि साफ-सुथरा घर लक्ष्मी का वास होता है।
- Ramleela में हिस्सा लें: अगर गाँव में रामलीला होती है, तो उसमें जरूर हिस्सा लें। इससे गाँव के बच्चों को अपनी culture और धर्म की जानकारी मिलती है, और उनका जुड़ाव गाँव से गहरा होता है।
- Ravana Dahan देखने जाएँ: रावण दहन देखने ज़रूर जाएँ। इससे बुराई के अंत का संदेश मिलता है, और गाँव के हर इंसान में एक नया enthusiasm भर जाता है।
गाँव के दशहरे की खास बात
शहरों में जहाँ त्योहारों की रौनक सिर्फ सजावट तक सीमित हो गई है, वहीं गाँव में दशहरे की असली खुशी लोगों के बीच interaction और अपनापन में होती है। गाँव का दशहरा सिर्फ effigy burning नहीं, बल्कि पूरे गाँव का एक साथ आकर त्योहार मनाना है। हर किसी के चेहरे पर मुस्कान और दिल में उत्साह होता है।
गाँव का दशहरा हमारे जीवन की उन सीखों को याद दिलाता है, जिन्हें हम कभी भूल नहीं सकते—truth, धर्म और अच्छाई की जीत। इस दशहरे पर हम सबको अपने अंदर की बुराइयों को जलाकर, एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प लेना चाहिए।
आप सभी को दशहरे की ढेर सारी शुभकामनाएँ!
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