चैत्र नवरात्रि में माता रानी की कृपा प्राप्त करे, माता रानी के 9 रंग और उनका महत्व

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By Ramashankar

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चैत्र नवरात्रि में माता रानी की कृपा प्राप्त करे

जय माता की दोस्तों चैत्र नवरात्रि का महत्व हिंदू धर्म में बहुत उच्च माना जाता है और इसे विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मां दुर्गा की पूजा और भक्ति की जाती है। नवरात्रि के दौरान, लोग अपने घरों को सजाकर उन्हें पूजनीय बनाते हैं और मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं।

चैत्र नवरात्रि
जय माता की
जय हो माता रानी
जय माँ दुर्गा

चैत्र नवरात्रि पूजन की विधि निम्नलिखित रूप से हो सकती है:

  • घर की सजावट: नवरात्रि के दौरान अपने घर को सजाने और सजाने का विशेष महत्व होता है। घर को सफाई और सुंदरता से भरा होना चाहिए।
  • कलश स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन, एक कलश स्थापित किया जाता है, जिसमें गंगा जल या शुद्ध जल डाला जाता है। इसके बाद, कलश को सुंदर अलंकृत किया जाता है और उसे घर के मुख्य द्वार पर स्थापित किया जाता है।
  • नौ देवियों की पूजा: नवरात्रि के दौरान, नौ देवियों की पूजा की जाती है, जिनमें मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री शामिल हैं। प्रत्येक दिन, एक देवी की पूजा की जाती है।
  • मंत्र जप और आरती: नवरात्रि के दौरान, मां दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाता है और विशेष आरती भी चढ़ाई जाती है।
  • भोग: प्रत्येक दिन, मां दुर्गा को भोग चढ़ाया जाता है। यहां पर प्रसाद के रूप में फल, मिठाई, नैवेद्य, खिला, नविद्या आदि चढ़ाए जा सकते हैं।
  • भजन और कीर्तन: नवरात्रि के दौरान भजन और कीर्तन किए जाते हैं, जो भक्ति और आनंद का अनुभव कराते हैं।
  • यह सभी विधियाँ समर्पितता और श्रद्धा के साथ किए जाने चाहिए। ध्यान रहे कि विभिन्न क्षेत्रों और परिवारों में नवरात्रि का मनाने की परंपराएं भिन्न-भिन्न हो सकती हैं।

माता रानी के 9 रंग और उनका महत्व

चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों के दौरान हर दिन एक विशेष रंग का चयन किया जाता है, जिन्हें नौ देवियों के रूप में माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। ये नौ रंग और उनका महत्व हैं:

चैत्र नवरात्रि में माता रानी की कृपा प्राप्त करे, माता रानी के 9 रंग और उनका महत्व

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तारीखदिनरंग
9 अप्रैलमां शैलपुत्री पीला (Yellow)
10 अप्रैलमां ब्रह्मचारिणी सफेद (White)
11 अप्रैलमां चंद्रघंटालाल (Red)
12 अप्रैलमां कुष्मांडा ग्रीन (Green)
13 अप्रैलमां स्कंदमाता पीला (Yellow)
14 अप्रैलमां कात्यायनीग्रेई (Grey)
15 अप्रैलमाँ कालरात्रि नीला (Blue)
16 अप्रैलमां महागौरी ओरेंज (Orange)
17 अप्रैलमां सिद्धिदात्री रंगीन (Multi-color)
  1. माता रानी का पहला रंग, पीला (Yellow): पहले दिन का रंग होता है पीला, जो माँ शैलपुत्री के रूप में माना जाता है। यह साहस, स्थैर्य और शक्ति की प्रतीक है।
  2. माता रानी का दूसरा रंग. सफेद (White): दूसरे दिन का रंग है सफेद, जो माँ ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजा जाता है। यह शुद्धता और संयम का प्रतीक है।
  3. माता रानी का तीसरा रंग, लाल (Red): तीसरे दिन का रंग है लाल, जो माँ चंद्रघंटा को समर्पित है। यह प्यार, पारिवारिक समृद्धि और धैर्य का प्रतीक है।
  4. माता रानी का चौथा रंग, ग्रीन (Green): चौथे दिन का रंग है हरा, जो माँ कुष्मांडा के रूप में जाना जाता है। यह प्राकृतिक सौंदर्य और उत्साह का प्रतीक है।
  5. माता रानी का पांचवे रंग , पीला (Yellow): पांचवे दिन का रंग फिर से पीला है, जो माँ स्कंदमाता को समर्पित है। यह ज्ञान, बुद्धि और भक्ति का प्रतीक है।
  6. माता रानी का छठा रंग , ग्रेई (Grey): छठे दिन का रंग है ग्रेई, जो माँ कात्यायनी के रूप में माना जाता है। यह साहस, शक्ति और त्राण का प्रतीक है।
  7. माता रानी का सातवा रंग, नीला (Blue): सातवें दिन का रंग है नीला, जो माँ महागौरी को समर्पित है। यह शांति, ध्यान और ध्यान का प्रतीक है।
  8. माता रानी का आठवा रंग, ओरेंज (Orange): आठवें दिन का रंग है नारंगी, जो माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। यह सफलता और समृद्धि का प्रतीक है।
  9. माता रानी का नोवा रंग, रंगीन (Multi-color): नवमी दिन का रंग है रंगीन, यह माँ नवदुर्गा को समर्पित है। यह सभी रंगों के समूह को समर्थित करता है और जीवन की सभी पहलुओं की सफलता का प्रतीक है।
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जय माता की दोस्तों ………….

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